जब हम हँसे तो पागल जब तू हँसे तो प्यार है,
जब हम कहें तो ठीक है, जब तुम कहे, तो ये क्यूँ नही ठीक है....
जब मैं जीता तो चलो जीत गए,
जब तुम जीते तो सिकंदर का साम्राज्य है
जब मैं लिखा तो फिर पागल जब तू लिखे तो वाह! क्या अंदाज़ है?
जब मैंने किया तो पता नही ये क्या है? जब तुमने किया तब उम्मीद है
जब सबने कहा तब कोई समझता नही, जब तुमने कहा तो फिर कोई समझता नही
जब प्यार परेशानी बन जाये तो पागलपन है,
जब प्यार बोझिल बने तो समझो दुनिया गोल है...